राम मंदिर मामले पर राहुल गांधी को मिली चुनौती, जानने के लिए...

राम मंदिर मामले पर राहुल गांधी को मिली चुनौती, जानने के लिए पढ़ें

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राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने राम मंदिर मामले को लेकर विपक्ष पार्टियों द्वारा किया जा रहें हमले पर कड़ा प्रहार किया हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल राम मंदिर बनाने को लेकर यह बयान दे रहें हैं कि वो राम मंदिर बनाने के पक्ष में है लेकिन बीजेपी और आरएसएस जान बूझकर टालमटोल कर रहीं हैं।

इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर वो राम मंदिर बनाने के पक्ष में हैं तो मैं संसद एक प्राइवेट बिल ला रहा हूं क्या वे इस बिल का समर्थन करेंगे।

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Prof Rakesh Sinha

@RakeshSinha01
जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn

गुरुवार को राकेश सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना दे रहे हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं क्या वह उनके प्राइवेट बिल का समर्थन करेंगे।उन्होंने लिखा कि अब समय आ गया है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

राज्यसभा सांसद ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिर आर्टिकल 377, जलीकट्टू, सबरीमाला पर निर्णय लेने पर कितने दिन लिए? अयोध्या का मामला उनकी प्राथमिकताओं में नहीं है, लेकिन हिंदुओं की प्राथमिकता में वह जरूर है।

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Prof Rakesh Sinha

@RakeshSinha01
How many days SC took to give verdict on Article 377, Jallikattu, Sabarimala ?But Ayodhya is not in priority for decades and decades . It is a top priority of Hindu society .

उन्होंने ट्विटर के जरिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, लालू प्रसाद यादव और मायावती से सीधा सवाल किया, कि क्या वह उनके इस बिल का समर्थन करेंगे. वे लगातार बीजेपी और संघ पर तारीख नहीं बताएंगे की बात कहते हैं, क्या अब वह जवाब देंगे।

राकेश सिन्हा के इन ट्वीटों से यह साफ हो गया हैं कि सरकार संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट बिल ला सकती हैं। शिवसेना ने इस बिल का समर्थन किया है लेकिन वहीं समाजवादी प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे और वहीं मानेंगे।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि सिन्हा के इस ट्वीट के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता की तरफ से क्या जवाब मिलता हैं? क्या विपक्षी पार्टियों द्वारा समर्थन न देने पर बीजेपी और विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा अध्यादेश लाने की कयास लगाए जा रहें हैं वो खत्म हो जाएगा।