एक बार फिर भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने द्वारा दिए गए टैक्सपेयर्स लेकर बड़ी ख़बर से भारतीय अर्थव्यवस्था में जान फूंकने का काम किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था में आए फॉर्मलाइजेशन, जीएसटी और बिना दरें बढ़ाए इनडायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में बेहतरी के चलते संभव हुआ है।
इस बात को लेकर यह खबर सामने आ रही है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में किए गए सुधारों से रेवेन्यु के मोर्चे पर बेहतरी आई है और अनुमान है कि 2014 से 2019 के बीच टैक्स बेस लगभग दोगुना हो जाएगा।
यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने US-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित इंडिया लीडरशिप समिट में कही।
नोटबंदी एक कठिन कदम था लेकिन इसने हमें यह स्पष्ट करने में मदद की कि अर्थव्यवस्था का फॉर्मलाइजेशन हमारा स्पष्ट उद्देश्य है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जब 2014 में BJP सत्ता में आई, उस वक्त इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या 3.8 करोड़ थी। चार सालों में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 6.8 करोड़ हो गया है।
इस साल मुझे विश्वास है कि टैक्सपेयर्स की संख्या 7.5-7.6 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी, जो लगभग दोगुनी होगी। आगे कहा कि GST लागू होने के एक साल में इनडायरेक्ट टैक्स असेसीज की संख्या 74 फीसदी बढ़ी है।
सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए जेटली ने कहा कि सभी गांवों सड़कों से जुड़ने वाले हैं, सभी को घर देने के लक्ष्य के 2022 तक पूरा हो जोन की संभावना है और इस साल के आखिर तक सभी घरों में बिजली पहुंच जाएगी।