शनि शिंगणापुर का इतिहास और कहानी – Shani Shingnapur Story In Hindi
शनि शिंगणापुर
शनि शिंगणापुर के इतिहास की बात करें तो ऐसा माना जाता है कि कई साल पहले एक चरवाहे ने एक नुकीली चीज से काले पत्थर को छुआ था जिसके बाद उस पत्थर से खून बहने लगा था। इस घटना के बाद पूरा गाँव हैरान रह गया था। बता दें कि उसी रात चरवाहे ने अपने सपने में भगवान शनीश्वर जिन्होंने उसे काले पत्थर को अपना स्वायंभु रूप बताया। इसके बाद चरवाहे ने भगवान को नमस्कार किया और उसने भगवान से पुछा क्या उस जगह पर भगवान का मंदिर बनाना चाहिए। हालांकि भगवान ने इसके लिए उसे इनकार कर दिया। इसके बजाय उसने चरवाहे को उन्हें प्रतिदिन पूजा करने और हर शनिवार को ‘तिलभिषेक’ करने को कहा। इसके आलवा उन्होंने यह भी कहा कि उनके गाँव को चोरी और लूट से कोई नुकसान नहीं होगा।
इसलिए, भगवान शनीश्वर को आज भी एक खुले यार्ड में रखा जाता है। यहां पर सबसे हैरानी की बात यह है कि यहां गाँव में किसी भी घर में ताले और दरवाजे नहीं हैं। यहां पर आजतक घरों में ताले और दरवाजे नहीं होने के बावजूद चोरी की कोई घटना अब तक सामने नहीं आई है। साल 2010 और 2011 में, कुछ लोगों ने चोरी करने की कोशिश की, लेकिन यह कहा जाता है कि वे लोग यह काम करने के बाद ही कुछ मिनटों के भीतर मर गए।