नवजोत सिंह सिद्धू की कैप्टन अमरिंदर सिंह पर टिप्पणी के बाद पंजाब कांग्रेस में मचा तूफान शांत होने का नाम नहीं ले रहा। कैप्टन के समर्थन में पोस्टर लगाए जा रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयान देने के बाद पंजाब कांग्रेस में तूफान मचा हुआ है। इसको लेकर सिद्धू पर घेरा लगातार कसता जा है।
पूरे राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में पोस्टर और बैनर लग रहे हैं। लुधियाना, अमृतसर सहित राज्य के विभिन्न शहरों में ‘पंजाब दा कैप्टन, साडा कैप्टन’ के पोस्टर व बैनर लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान जानेमाने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘पंजाब दा कैप्टन, साडा कैप्टन’ का बनाया था।
कांग्रेस ने इस नारे के सहारे कैप्टन के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था और 10 साल बाद पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई थी।
इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में पंजाब में पोस्टर और बोर्ड लगने शुरू हो गए हैं। लुधियाना शहर में विधायकों, सांसदों व मंत्रियों ने बड़ी संख्या में बोर्ड लगा दिए हैं। इन पर बड़े अक्षरों में लिखा है- ‘पंजाब दा कैप्टन, साडा कैप्टन।’
इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के पोस्टर और बैनर लगने शुरू हो गए हैं। राज्यभर में कैप्टन अमरिंदर के समर्थन में कांग्रेस के नेता सामने आ रहे हैं।
सीएम अमरिंदर के बारे मे टिप्पणी देने के बाद पिछले दो दिनों से प्रदेश भर में सिद्धू के खिलाफ अमरिंदर समर्थक नेताओं ने माेर्चा खोल दिया है।
सिद्धू के खिलाफ पांच मंत्रियों के सामने आने के साथ अब पार्टी सांसदों और विधायकों ने भी खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि सिद्धू मुख्यमंत्री बनने की चाह में हर सीमा को पार कर गए हैं।
राज्य के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने तो सिद्धू पर कैप्टन सरकार अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगा दिया है।
दूसरी ओर, हमला बढ़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। सिद्धू ने सोमवार को फिर कहा, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह मेरे पिता समान हैं। मेरे बयान को गलत तरीके के पेश किया गया है और इस पर बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है।
मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह का बेहद सम्मान करता हूं और हमेशा उनका सम्मान किया है।’ सिद्धू ने कहा कि वह कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलकर सारा मामला सुलझा लेंगे।
कैबिनेट मंत्री अरुणा चाैधरी ने भी सिद्धू के बयान को गलत करार दिया है और कहा है कि उनको इस तरह के बयान के लिए कैप्टन अमरिंदर से माफी मांगना चाहिए।
इसके साथ ही लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी सिद्धू के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। राज्य के कई कांग्रेस विधायक भी सिद्धू के खिलाफ मैदान में आ गए हैं।
लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिट्टू ने कहा कि एक तरफ सिद्धू कैप्टन को पिता के समान कहते हैं, दूसरी तरफ उन्हें कैप्टन मानने से इन्कार करते हैं। उन्हें मांगनी चाहिए।
जालंधर के विधायक रिंकू सुशील रिंकू ने सिद्धू के बयान को अशोभनीय बताते हुए कहा है कि वह पहले अपने विभाग की तरफ ध्यान दें। पटियाला के राजपुरा से विधायक हरदियाल सिंह कंबोज ने भी सिद्धू से इस्तीफा मांगा है।
अमृतसर से विधायक डॉ. राजकुमार वेरका ने भी सिद्धू के बयान को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू ने कैप्टन को अपना नेता नहीं मानते तो मंत्री पद छोड़ दें।
अब तक पांच मंत्री खुलेआम सिद्धू के खिलाफ आ चुके हैं अौर कैबिनेट से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सिद्धू की मुश्किलें बढ़ने के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस में भी कलह तेज होने की संभावना है।
इससे पहले पंजाब कैबिनेट के उनके तीन सहयोगी मंत्रियों आैर उनकी पार्टी कांग्रेस के एक सांसद ने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोला था। बताया जाता है कि पाकिस्तान दौरे को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह पर सिद्धू की टिप्पणी से कई अन्य मंत्रियों में भी नाराजगी है।
पहले कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह सरकारिया व साधू सिंह धर्मसोत ने मंत्रिमंडल से सिद्धू के इस्तीफे की मांग की थी।
वरिष्ठ मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने तो यहां तक कह दिया कि सिद्धू को समझना चाहिए कि यह कपिल शर्मा का शो नहीं है। बता दें कि शुक्रवार को नवजाेत सिंह सिद्धू ने कहा था, मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं।
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आपको पाकिस्तान जाने से मना किया तो सिद्धू ने कहा, ‘ कौन कैप्टन, अच्छा कैप्टन अमरिंदर सिंह जी। वह तो सेना के कैप्टन हैं। मेरे कैप्टन राहुल गांधी हैं अौर कैप्टन अमरिंदर सिंह के कैप्टन भी वही हैं।’
खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची है। राणा सोढ़ी ने कहा कि सिद्धू ने तो राहुल गांधी को भी नहीं छोड़ा।
पाकिस्तान यात्रा को लेकर सिद्धू ने पहले कहा कि वह राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान गए। बाद में वह इससे मुकर गए। आखिर सिद्धू ने राहुल का नाम इस विवाद में क्यों खींचा? इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। इससे पार्टी के मिशन 2019 पर भी असर पड़ेगा।
राणा सोढ़ी ने कहा, सिद्धू ने राहुल का नाम एक प्रेस कांफ्रेंस में लिया। जबकि जब वह ट्विट करके स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि वह राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान नहीं गए थे। सिद्धू सांसद भी रहे है और अब कैबिनेट मंत्री हैं।
ऐसे में जिस प्रकार से उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का उपहास किया यह बेहद शर्मनाक है। यह सबको पता है कि राहुल गांधी कांग्रेस के कप्तान हैं और इसको लेकर कोई शंका नहीं है। लेकिन, कैप्टन को लेकर उनका लहजा बिल्कुल भी ठीक नहीं था।
खेल मंत्री ने कहा, सिद्धू ने केेवल कैप्टन अमरिंदर सिंह का नहीं बल्कि पंजाब सरकार का उपहास उड़ाया है। जिस कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस ने 10 साल बाद पंजाब में वापसी की, उसके बारे में यह कहना कि वह मेरे नहीं सेना के कैप्टन हैं। यह किसी साजिश की आशंका को जन्म देता है।
सिद्धू सुलझे हुए इंसान है और यह नहीं माना जा सकता है कि उन्होंने कोई जल्दबाजी व गफलत में इस तरह की शब्दावली का प्रयोग किया।
राणा गुरमीत ने कहा कि सिद्धू ने एक ही पल में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर संदेह पैदा कर दिया। पार्टी हाईकमान को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि इससे न सिर्फ इससे पार्टी कमजोर होगी बल्कि मिशन 2019 को भी झटका लगेगा।
राणा सोढ़ी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते सुधरे इसे कौन नहीं चाहता है, लेकिन एेसा राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख कर नहीं किया जा सकता है।
यह अच्छी बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सिद्धू के दोस्त है, उनको सिद्धू को यह समझना चाहिए के यह दो देशों की नीतियों की बात है। इसमें इतना उतावलापन ठीक नहीं है। अत: पार्टी हाईकमान को इस संबंध में गंभीर रुख अपनाना चाहिए।
पूरे मामले में नवजोत सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा, ‘एक बार तो मुझे भी सुनकर बुरा लगा, लेकिन मीडिया ने आधा बयान दिखाया।’
उन्होंने कहा कि कैप्टन ही हमारे लीडर हैं, इस पर किसी किस्म का कोई विवाद नहीं है। सिद्धू के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।
बयान के एक हिस्से को मीडिया में प्रचारित किया गया है, जबकि उस पूरे बयान में सिद्धू ने खुद कहा कि कैप्टन मेरे पिता समान हैं और मैं उन्हें बाप का दर्जा देता हूं।
हम जब किसी को पिता का दर्जा देते हैं तो फिर उससे बढ़कर कुछ नहीं हो सकता और न ही इससे ज्यादा इज्जत किसी को दी जा सकती है।
इससे पहले अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी सिद्धू पर निशाना साधा था। औजला ने साफ कहा, ‘सिद्धू अगर अमरिंदर सिंह को कैप्टन नहीं मानते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अन्यथा वह कैप्टन अमरिंदर सिंह से माफी मांगें और स्वीकार करें कि उनसे गलती से ऐसा मुंह से निकल गया था।’
ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा, ‘राहुल गांधी तो सभी के कैप्टन हैं, लेकिन जिस लहजे में सिद्धू बात कर रहे हैं, वह अच्छी बात नहीं है।
पंजाब में तो कैप्टन अमरिंदर सिंह को ही कैप्टन मानना पड़ेगा और यदि वह ऐसा नहीं समझते तो उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह कैबिनेट से इस्तीफा दे दें और वहीं डयूटी करें जहां राहुल गांधी उन्हें लगाना चाहते हैं।’
तृप्त राजिंदर ने सिद्धू को संबोधित करते हुए कहा, ‘ प्रिय सिद्धू साहिब, मैंने बार-बार आपकी वीडियो क्लिप देखी है जिसमें आप कह रहे हैं कि राहुल गांधी आपका कप्तान हैं और कप्तान अमरिंदर सिंह आपके पिता हैं।
यह सच है कि राहुल गांधी कप्तान अमरिंदर सिंह समेत देश के सभी कांग्रेसकर्मियों के कप्तान हैं, लेकिन साथ ही कप्तान अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस के निर्विवाद नेता हैं।
आपकी मुद्रा और शरीर की भाषा बहुत ही हानिकारक और घृणास्पद है, जबकि स्वर कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपमान का संकेत देता है।’
सिंचाई मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया ने कहा कि तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने सिद्धू के इस्तीफे की जो मांग की है वह ठीक है। कैप्टन को टीम का कैप्टन मानना न मानना उनका निजी विचार हो सकता है, लेकिन जिस लहजे में उन्होंने यह कहा है, वह ठीक नहीं है।
वन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने सिद्धू से कहा कि यह कपिल शर्मा का शो नहीं है। वह शो में जो मर्जी बोलें। शो चलाना और बात है, देश और पार्टी चलाना अलग बात है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ही टीम के कैप्टन हैं।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह हम सभी के कैप्टन हैं। सिद्धू ने जो कहा वह गलत है। किसने क्या कहा और इसकी क्या सजा देनी है, इसका फैसला पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ व पार्टी प्रभारी आशा कुमारी करेंगे।
राज्यसभा सदस्य व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस विवाद के बारे में कैप्टन जानें या सिद्धू। या फिर सीएम के करीबी कैबनिट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, लेकिन यह सब अफसोसजनक है। नेताओं को ऐसे व्यवहार से परहेज करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक सुखपाल खैहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कभी नहीं चाहते हैं कि कोई भी नेता किसी भी हालत में उनसे आगे कोई निकल जाए।
यही कारण है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के इशारे पर कांग्रेसी अनायास विरोध जता रहे हैं।
वरिष्ठ अकाली नेता मनजीत सिंह जीके ने सिद्धू पर निशाना साधा है। मनजीत सिंह जीके ने कहा, नवजोत सिंह सिद्धू को समझना बेहद मुश्किल है।
वह क्या कहते हैं अौर क्या करते हैं यह समझ से परे हैं। वह कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुलिंदे बांधते थे और आज उन पर हमले कर रहे हैं।
उन्होंने कभी सोनिया गांधी को इटेलियन मम्मी कहते थे और अब उनके पैर छूते थे। अब वह अपने ही मुख्यमंत्री पर निशाना साध रहे हैं। ऐसा लगता है वह मुख्यमंत्री बनने के लिए उतावले हैं।