सूत्र : अमेरिका और चीन के रिश्तों में पड़ सकती है, खटास।

सूत्र : अमेरिका और चीन के रिश्तों में पड़ सकती है, खटास।

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कमर्शियल सैटेलाइट से मिली तस्‍वीरों में जो खुलासा हुआ है वह अमेरिका को परेशानी में डाल सकता है। इनमें नॉर्थ कोरिया में स्थिति कुछ मिसाइल साइट्स का खुलासा हुआ है जो अब तक सभी की नजरों से छिपी थींं।

उत्तर कोरिया एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। बीते कुछ माह से सुर्खियों से बाहर रहा उत्तर कोरिया कुछ बड़ा करता हुआ दिखाई दे रहा है।

ऐसा हम नहीं बल्कि सैटेलाइट इमेज से मिली जानकारी इस बात का खुलासा कर रही है। कमर्शियल सैटेलाइट से मिली इन तस्‍वीरों को एक दिन पहले ही रिलीज किया गया है।

इसमें जो खुलासा हुआ है वह हैरान करने वाला है। दरअसल, इन तस्‍वीरों में एक दर्जन से अधिक ऐसी साइट का खुलासा हुआ है जिन्‍हें मिसाइल ऑपरेटिंग बेस बताया गया है।

इनमें से किसी भी साइट का खुलासा अब से पहले कभी नहीं हुआ था, इसलिए सैटेलाइट से मिली यह तस्‍वीरें आने वाले समय में नया गुल खिला सकती हैं।

आपको बता दें कि इसी वर्ष जून में उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से सिंगापुर में मुलाकात की थी।

इसके बाद दोनों देशों में तल्ख्यिां घटने और कोरिया प्रायद्वीप में शांति बहाल होने की बात भी खूब जोर-शोर से प्रसारित हुई थी। इस मुलाकात से पहले और बाद में उत्तर कोरिया ने अपनी कुछ न्‍यूक्लियर साइट को नष्‍ट भी किया था।

हालांकि इस दौरान चीन से लगती सीमा पर दो संदिग्‍ध इमारतों को लेकर कुछ संशय के बादल भी छाए रहे। लेकिन इन सभी के बावजूद वार्ता को काफी सफल माना गया।

इस मुलाकात के बाद व्‍हाइट हाउस के हवाले से यहां तक कहा गया था कि ट्रंप ने कहा है कि उन्‍होंने किम के साथ परमाणु हथियारों को नष्‍ट करने की कोई समय सीमा तय नहीं की है। वह इन्‍हें उनके राष्‍ट्रपति रहने तक के कार्यकाल में भी समाप्‍त कर सकते हैं।

वहीं बीते कुछ दिनों से लगातार रह-रहकर किम की तरफ से यह बयान दिया जा रहा है कि यदि अमेरिका ने उनके देश से प्रतिबंध नहीं हटाए तो वह फिर से अपना न्‍यूक्लियर प्रोग्राम शुरू कर देगा। सैटेलाइट से मिली ताजा इमेज को इससे ही जोड़कर देखा जा रहा है।

तस्‍वीरों के सामने आने के बाद अमेरिका की तरफ से भी इस बात की आशंका जताई जा रही है कि किम जोंग उन अपने मिसाइल प्रोग्राम की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।

यह सभी कुछ ऐसे समय में सामने आया है जब अगले वर्ष एक बार फिर से दोनों देशों के प्रमुखों के मिलने की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि अमेरिकी एजेंसी ने अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह साइट्स उत्तर कोरिया में कौन सी जगह पर हैं।

यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि जून में हुई मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा था उत्तर कोरिया अब कोई खतरा नहीं रह गया है।

सैटेलाइट की इन तस्‍वीरों पर फिलहाल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने भी किसी तरह की कोई टिप्‍पणी नहीं की है। साथ ही इस बात से इंकार भी नहीं किया है कि इन साइट्स पर उत्तर कोरिया मिसाइल तकनीक को और अधिक उन्‍न्‍त कर रहा है।

गौरतलब है कि अब तक करीब 20 में 13 ऐसी साइट्स सामने आ चुकी हैं जिन्‍हें किम के मिसाइल प्रोग्राम का हिस्‍सा माना गया है। साथ ही यह सभी ऐसी साइट्स हैं जिनका उत्तर कोरिया की तरफ से पहले कभी खुलासा नहीं किया गया है।

अमेरिकी मीडिया की मानें तो इन साइट्स को इंटर कॉटिंनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल से लेकर शॉर्टरेंज बैलेस्टिक मिसाइल के लिए बताया जा रहा है। वहीं अभी तक इन जगहों के बारे में पुख्‍ता तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इस बात की भी आशंका है उत्तर कोरिया ने अपने हथियारों को अलग-अलग जगहों पर रखा हुआ है। इनमें मिसाइल लॉचिंग साइट्स के अलावा जमीन और पहाडि़यों के अंदर बने बंकर भी शामिल हैं।

अभी कुछ ही दिन हुए हैं जब ट्रंप ने उत्तर कोरिया के बारे में कहा था कि वह बदलती तस्‍वीर को देखते हुए काफी खुश हैं। मध्‍याविधि चुनाव के मद्देनजर विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने उत्तर कोरिया का अपना दौरा रद कर दिया था।

जहां तक उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों की बात है तो वर्ष 2006 से ही संयुक्त राष्ट्र उस पर प्रतिबंधों की बौछार कर रहा है। 2018 की शुरुआत से पहले और बाद में भी उस पर प्रतिबंधों को और कड़ा किया गया है।