मध्य प्रदेश चुनाव 2018 को लेकर हाल ही में मिली ताजा खबरों के अनुसार यह बात सामने आ रही है कि मध्य प्रदेश सरकार से एक और संत नाराज हो गए हैं। उन्होंने उपेक्षा का आरोप लगाकर यहां तक कह दिया कि इस बार न वोट डालने जाऊँगा, न वोट डालने को कहूँगा।
निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर और चार धाम मंदिर के संस्थापक शांतिस्वरूपानंद गिरी महाराज ने एक बयान जारी कर कहा कि हम अपनी मान मर्यादा छोड़ वोट डालने को लाइन में लगते, आश्रम में सबको जिद करके वोट डालने को कहते, क्योंकि लोकतंत्र में मताधिकार का उपयोग करना चाहिए।
चूँकि हम हिन्दू जागरण करते रहे। रामजन्म भूमि के लिए बढ़-चढ़ कर काम किए। लोगों से बुराइयाँ ली। विश्व हिन्दू परिषद का मार्गदर्शक मंडल सदस्य- आरएसएस की एक बैठक अपने आश्रम में कराई, परन्तु अब हमारी ही उपेक्षा हो रही।
स्वामीजी- हाल ही में हुए भोपाल संत सम्मेलन में आमंत्रित न किए जाने को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि प्रदेश और प्रदेश के बाहर के संत आमंत्रित किए जाते हैं और हम उज्जैन में रहते हैं।
हमको पूछा तक नहीं गया। इसलिए हम वोट डालने ही नहीं जाएंगे। क्योंकि हम भी भीष्म पितामह की तरह सिद्धांतों से बंधे हैं। जिन्हें हम वोट करते, वह ही हम जैसे साधुओं की उपेक्षा करते।
अगर रामजन्मभूमि आंदोलन की कोई गाइड लाइन तय होती है तो हमें किसी का भी विरोध करना पड़े, हम करेंगे।अभी कंप्यूटर बाबा से पार्टी वैसे ही परेशान है उस पर शांतिस्वरूपानंद गिरी महाराज के बयान से पार्टी को उज्जैन में नुकसान उठाना पड़ सकता है।