हार्दिक पांड्या और के.एल. राहुल की वापसी पर आए दिग्गजों के बड़े...

हार्दिक पांड्या और के.एल. राहुल की वापसी पर आए दिग्गजों के बड़े बयान।

53
0
SHARE

पूर्व भारतीय दिग्गज राहुल द्रविड़ का मानना है कि हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल ने अपनी क्षमता के हिसाब से अभी हासिल नहीं किया है और दोनों ही क्रिकेटर रोल मॉडल बन सकते हैं।

भारतीय क्रिकेटर पांड्या और राहुल को टीवी शो कॉफी विद करण में महिलाओं पर विवादास्पद बयान के बाद निलंबित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की ओर से फिलहाल दोनों पर से निलंबन हटा दिया गया है।

द्रविड़ ने कहा कि मुझे खुशी है कि दोनों का निलंबन हटा दिया गया। इस मामले में जांच भी पूरी होनी चाहिए। पांड्या और राहुल ने अपनी गलती पहले ही स्वीकार कर ली थी। सार्वजनिक तौर पर भी उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ा। अब आगे बढ़ने का समय है।

भारत-ए और भारतीय अंडर-19 टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि मैंने उस वीडियो के कुछ क्लिप देखे। साफ तौर पर जब आप भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं तो आपको अपने विचारों को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि आपकी राय कई लोगों को गलत लग सकती है।

खिलाड़ी और सामाजिक हस्तियां गलती कर सकते हैं। यही सीखने और बढ़ने का हिस्सा होता है। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि मैंने कई स्तर पर दोनों को कोचिंग दी है। मुझे लगता है कि वह इंटरव्यू (कॉफी विद करण) उनकी छवि को सही तरह दिखाता है। उम्मीद करता हूं कि वे दोनों ही इससे सीखेंगे और मजबूती के साथ वापसी करेंगे। मुझे लगता है कि दोनों ने अपनी क्षमता के अनुरूप अभी हासिल नहीं किया है।

अब वह इससे मदद लेते हुए अपनी काबिलियत को दिखा सकते हैं और हर खेल के फॉर्म में बेहतर कर सकते हैं। यदि वे ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो रोल मॉडल बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज के दौर में सोशल मीडिया काफी कुछ भूमिका अदा करती है। इसके दोनों ही रूप हैं। जब आप च्यादा सफलता हासिल करते हो तो चमकते हो लेकिन जब बुरा दौर आता है तो आलोचना भी झेलनी पड़ती है। युवाओं को इसे बेहतर तरीके से समझना चाहिए।

द्रविड़ ने वीवीएस लक्ष्मण के उस बयान पर सहमति जताई कि कोई खिलाड़ी अपनी असफलता का तो सामना कर सकता है लेकिन कई बार सफलता को संभालना काफी मुश्किल हो जाता है।

उन्होंने कहा कि जब ऐसा होता है तो आपके आसपास अच्छे लोगों का होना और सही साथ की काफी जरूरत होती है। कई बार छोटी उम्र में ही पैसा और सफलता आने के बाद बुरे लोगों का साथ काफी खतरनाक साबित होता है।

द्रविड़ ने क्रिकेटरों के बर्ताव को कमाई से जोड़ने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि हां, यह धन के साथ आ सकता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह एकमात्र कारण है।

यह कम उम्र से हो सकता है। कभी-कभी कम आय वाले परिवार में देखा जाता है कि उसमें कुछ विशेषता है तो उसका परिवार उसे क्रिकेटर बनाने में पूरी ऊर्जा लगा देता है और परिवार उसी पर केंद्रित हो जाता है।

अगर उस एक व्यक्ति के लिए सब कुछ बलिदान किया जाता है, तो कभी-कभी उसके अंदर भी ऐसी भावना पैदा होती है। यदि बच्चा बहुत कम उम्र में खेलना शुरू करता है तो उसे महसूस होता है कि वह विशेष है। खिलाड़ी चाहे अमीर हो या गरीब, अगर उसमें हुकूक की भावना आती है तो फिर यह एक समस्या है।