राफेल सौदे पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच भाजपा ने इसका कनेक्शन गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जोड़ने का प्रयास किया है।
सोमवार को भाजपा की ओर से आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संप्रग सरकार ने यह सौदा इसीलिए रद कर दिया।
क्योंकि वाड्रा की कंपनी को बिचौलिया नहीं बनाया गया था। संप्रग सरकार चाहती थी कि यह करार रॉबर्ट वाड्रा के जरिये होनी चाहिए, ताकि उन्हें फायदा हो।
आज भी इसकी कोशिश जारी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि देश में राफेल सौदे पर एक वैचारिक लड़ाई जारी है। उन्होंने कहा कि मैं खुद देशभर में घूमकर दुष्प्रचार का जवाब दूंगी।
भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में शेखावत ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी साजिश के तहत इस डील को रद कराना चाहते हैं, ताकि रॉबर्ट वाड्रा के दोस्त संजय भंडारी को व्यावसायिक फायदा पहुंचाया जा सके। जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसके पीछे रॉबर्ट वाड्रा और उनके बिजनेस पार्टनर संजय भंडारी का व्यावसायिक हित है।
राहुल और उनकी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए कि क्या देश हथियारों के किसी दलाल की व्यावसायिक हितों के लिए समझौता करेगा? शेखावत का कहना है कि राबर्ट वाड्रा और भंडारी दुबई में रक्षा प्रदर्शनी में साथ देखे गए थे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाद शेखावत ने भी कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और राहुल गांधी के बीच साठगांठ है।
राहुल संयुक्त जांच समिति गठित करने की मांग इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि सुरक्षा से जुड़े जो गोपनीय तथ्य हैं, वे उजागर हो जाएं। यह सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा।
भाजपा नेता संबित पात्रा ने सोमवार को कांग्रेस की तुलना पाकिस्तान से करते हुए कहा कि दोनों एक जैसे हैं। इन दोनों में एक ही प्रकार की बौखलाहट है और दोनों चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री मोदी को हटाया जाए।
उन्होंने राहुल के सर्जिकल स्ट्राइक वाले ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ किए गए ट्वीट का पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस्तेमाल किया है।
वहीं पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने ट्वीट करके राहुल गांधी की तारीफ करते हुए लिखा है कि वे भारत के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
पात्रा ने पूछा कि कौन हैं वे लोग जो चाहते हैं कि राहुल गांधी आगे बढ़ें? भारत चाहता है कि मोदी आगे बढ़ें, पाकिस्तान चाहता है राहुल। कांग्रेस और पाकिस्तान में समानता क्या महज इत्तेफाक है?