रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन करने और आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब था।
पराक्रम पर्व को लेकर चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षामंत्री ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि उड़ी हमले के आतंकियों को पाकिस्तान का समर्थन हासिल था।
पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए रक्षा मंत्री कहा कि आतंकियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया जाता है। सीमा पार से हो रही आतंकी घटनाओं को पाकिस्तान का समर्थन हासिल है।
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे भरोसा है कि इस तरह की कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) पाकिस्तान को आतंकियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें इस पार भेजने से रोकेगी। वैसे सीमा पर हमारी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी चाहे वे सबक सीख चुके हों या नहीं।’
इस बीच राफेल डील को लेकर छिड़े विवाद पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह दोनों कंपनियों के बीच एक कमर्शल एग्रीमेंट था। तकरीबन 70-80 कंपनियों में से दौसॉ ने खुद कंपनी को चुना है।
उन्होंने कहा, ‘एस-400 वायु रक्षा प्रणाली पर बातचीत लंबे समय से चल रही है और अब यह एक ऐसे चरण में है जहां इसको अंतिम रूप दिया जा सकता है। रूस से रक्षा उपकरण खरीदना हमारी विरासत रही है।’
कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘मैं संसद में इसे स्पष्ट कर दूंगी कि मैंने इस प्रश्न का जवाब चार बार दे चुकी हूं। मैंने लिखित प्रतिक्रिया भी दी है लेकिन तथ्य यह है कि क्या आप उन उत्तरों को स्वीकार कर रहे हैं?’
इस दौरान राफेल डील को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यूपीए के समय में मंत्रालय दलालों और बिचौलियों की मदद से चला करते थे लेकिन हमारी एनडीए सरकार में ऐसा नहीं है।
वहीं सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर पूर्व थल सेना प्रमुख दलबीर सुहाग ने बताया कि किस तरह से उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पीएम को इस प्लान के बारे मेें समझाया और कैसे इसकी तैयारी कि, पूर्व सेनाध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि, ‘मैंने 23 सितंबर 2016 को पीएम को ब्रीफ किया।
पीएम के सामने कई विकल्प रखे गए, उचित विचार-विमर्श के बाद पीएम ने हमें सर्जिकल स्ट्राइक की मंजूरी दी जिसकी हमने अनुशंसा की थी।
उस विकल्प को हमने अपने जांबाजों के साथ सफलतापूर्वक अंजाम दिया, और देश का सिर गर्व से ऊंचा किया। पीएम द्वारा लिया गया यह एक बहुत ही साहसी निर्णय था’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘हम पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देना चाहते थे कि हम एलओसी पार कर सकते हैं। हम उन्हें मार सकते हैं, उनका बड़ा नुकसान कर सकते हैं और बिना किसी नुकसान के वापस लौट सकते हैं। यह एक कठिन विकल्प था और अधिक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमने इसे एक संदेश भेजने के लिए प्रयोग किया।’