संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में नए भारत का संकल्प लिया गया है।
सुषमा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद से निपटना विश्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अगर हम विश्व को जलवायु परिवर्तन से बचाना चाहते हैं तो विकसित देशों को छोटे देशों के लिए आगे आना होगा।
पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का दंश दशकों से झेल रहा है। हमें पड़ोसी देश से ही आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान न केवल आतंकवाद को बढ़ा रहा है बल्कि वो इसे करके नकारता भी है।
वो ओसामा बिन लादेन को छुपाए रहा। सारा सच आ जाने के बाद भी उसके चेहरे पर न झेंप न शिकन। 9/11 का मास्टरमाइंड तो मारा गया, लेकिन 26/11 का मांस्टरमाइंड हाफ़िज सईद पाकिस्तान में चुनाव लड़ रहा है।
सुषमा ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से कई बार बात करने की कोशिश की, मैंने ख़ुद इस्लामाबाद जाकर बातचीत की शुरुआत की लेकिन तत्काल ही पठानकोट में हमारे एयरबेस पर हमला कर दिया।
पाकिस्तान ने नए प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाक़ात की बात कही, लेकिन इसके ठीक इसके बाद उन्होंने हमारे सुरक्षा बलों का सिर कलम कर दिया।
सुषमा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने आपको कितना भी बचाए लेकिन दुनिया ने उसका चेहरा पहचान लिया है। यहां उन्होंने पाकिस्तान के फाइनेंशियल ऐक्शन टॉस्क फोर्स की ग्रे लिस्ट यानी संदिग्धों वाली सूची में शामिल होने का जिक्र किया। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाता है, लेकिन खुद मारने वालों के साथ खड़े होता है और मारे जाने वालों पर चुप्पी साधता है।
विदेश मंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हम उस बुराई से कैसे लड़ेंगे जिसकी संयुक्त राष्ट्र अब तक परिभाषा तय नहीं कर पाया है।
पाकिस्तान आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी कहता है। जो हम पर हमला करता है पाकिस्तान में उसको बहादुर कहकर सम्मानित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पहले आतंकवाद को पारिभाषित करे।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया जल्द शुरू हो। संयुक्त राष्ट्र को एक परिवार के सिद्धांत पर चलाए जाने की जरूरत है। इसे मैं, मेरा कहकर नहीं चलाया जा सकता। संयुक्त राष्ट्र को हम, हमारा कहकर ही चलाया जा सकता है।
सुषमा स्वराज ने भारत का पक्ष रखते हुए यूएन महासभा में कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत में भरोसा करता है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं।
संयुक्त राष्ट्र को भी परिवार की तर्ज पर चलाया जाना चाहिए। परिवार सुलह से चलता है कलह से नहीं। परिवार प्रेम से चलता है व्यापार से नहीं। परिवार मोह से चलता है लाभ से नहीं।
भारत नहीं चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र के मंच से केवल कुछ देशों के हितों के लिए ही निर्णय लिए जाए। इस मंच को हमें वैसा बनाना चाहिए जो अविकसित देशों की पीड़ा को समझे।