एक बार फिर चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में एक और ठोस कदम उठाए गया है। जिसको लेकर यह खबर प्राप्त हो रही है कि आयोग द्वारा बुधवार को जारी संशोधित हलफनामे में सभी उम्मीदवारों को हलफनामे के साथ दो नये फॉर्म भरकर देने होंगे।
चुनाव आयोग ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को चुनाव प्रक्रिया से दूर करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उम्मीदवारों के लिये संशोधित हलफनामे का प्रारूप जारी कर दिया है।
इसमें उम्मीदवार को बताना होगा कि उसके खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की विभिन्न मीडिया माध्यमों से उसने सार्वजनिक जानकारी दे दी है।
मतदाताओं को उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देने की अनिवार्य बाध्यता के दायरे में सबंधित राजनीतिक दल को भी शामिल किया गया है।
केन्द्रीय विधि मंत्रालय की अनुशंसा के आधार पर आयोग द्वारा जारी संशोधित हलफनामे के माध्यम से उम्मीदवार को इस बात की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी कि उसके खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित हैं और किन मामलों में उसे दोषी ठहराया गया है।
यह हलफनामा उसे उम्मीदवार बनाने वाले राजनीतिक दल को भी देना होगा। हलफनामे में राजनीतिक दल और उम्मीदवार को बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि की मतदाताओं को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन के जरिये जानकारी दे दी गयी है।
राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को मतदान से 48 घंटे पहले प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कम से कम तीन बार अलग अलग दिन इस विवरण का प्रकाशन कराना अनिवार्य है। साथ ही राजनीतिक दल को अपनी वेबसाइट पर भी उम्मीदवारों की विस्तृत जानकारी का विवरण देना होगा।
आयोग ने इसके लिये हलफनामे से जुड़े फॉर्म 26 में संशोधन कर सभी राजनीतिक दलों और राज्य निर्वाचन कार्यालयों को परिवर्तित व्यवस्था के बारे में सूचित कर दिया है। इसका पालन पांच राज्यों में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से ही शुरु कर दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि गत 25 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने अपने एक फैसले में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिये आयोग को नामांकन प्रक्रिया में माकूल सुधार करने को कहा था।
आयोग द्वारा संशोधित प्रक्रिया के तहत जारी फॉर्म 26 में उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के विस्तृत ब्योरे की जानकारी का नया कॉलम जोड़ा गया है। इसमें दो नये फॉर्म सी1 और सी2 जोड़े गये हैं।