अनिश्तिकालीन छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना ऑफिस लौटेंगे, सीबीआई डायरेक्टर के कामकाज पर अंतरिम निदेशकर राव की निगरानी रहेगी। सीबीआई की अंदरूनी मनमुटाव जगजाहिर होने के बाद जांच एजेंसी की काफी छीछालेदर हुई है। सरकार के दखल के बाद मंगलवार 23 अक्टूबर की आधी रात को आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था।
अब गुरुवार को खबर सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि आलोक वर्मा सीबीआई डायरेक्टर ऑफिस लौट सकते हैं। वहीं राकेश अस्थाना भी स्पेशल डायरेक्टर की हैसियत से पद पर बरकरार रह सकते हैं। इन दोनों को छुट्टी पर भेजने के दौरान इनके अधिकार ले लिए गए थे, जो अभी वापस नहीं मिले हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि जब तक इस मामले में CVC इस मामले की जांच पूरी नहीं कर लेती तब तक एम नागेश्वर राव सीबीआई डायरेक्टर के कामकाज की निगरानी रखेंगे।
मंगलवार 23 अक्टूबर की रात अचानक सीबीआई दफ्तर पर छापा मारा गया। सूत्रों ने बताया कि करीब रात 10 बजे इनोवा और इर्टिगा गाड़ियों से 15-16 अधिकारियों की टीम परिसर में प्रवेश करती है। इसके कुछ देर बात एक सेडान से एम नागेश्वर राव इमारत में दाखिल होते हैं। इन्हें अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर बनाया जाता है।
यह ऐतिहासिक था। इससे पहले कभी भी रातोरात सीबीआई के किसी डायरेक्टर को नहीं बदला गया। राव सीधे अपने दफ्तर गए और रात करीब साढ़े 11 बजे पदभार संभाला। सीबीआई के अन्य स्टाफ को एजेंसी में बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। राव ओडिशा कैडर के 1986 बैच के अधिकारी हैं। सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा 23 अक्टूबर शाम साढ़े सात बजे इमारत से निकले। इससे पहले वर्मा दिन में नॉर्थ ब्लॉक के अपने दफ्तर गए थे। तब तक उनके अधीनस्थ विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से टकराव अदालत पहुंच गया था।
वर्मा दोपहर तक नॉर्थ ब्लॉक के कार्यालय में रहे और इसके बाद दोपहर के भोज के लिए निकले। इस दौरान उनकी स्थानीय अदालत की कार्यवाही पर नजर थी जहां सीबीआई अपने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार की हिरासत पाने के लिए मजबूत दलीलें रख रही थीं। कुमार को उनके एक कारोबारी से ‘उगाही’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की वह (कुमार) ही जांच कर रहे थे।
वह दिल्ली हाईकोर्ट के घटनाक्रम की भी जानकारी ले रहे थे जहां अस्थाना अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए पहुंचे थे। इसी तरह की याचिका कुमार ने भी दायर की है।
शाम में सतर्कता भवन में, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) एक अहम बैठक कर रहा था जिसमें सीबीआई के दोनों अधिकारियों (वर्मा और अस्थाना) की किस्मत पर फैसला होना था। इन दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने 15 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।