विशेष पूजा के लिए सोमवार शाम को सबरीमाला मंदिर के द्वार खुल गए हैं। इस दौरान भगवान अयप्पा के दर्शन के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
इससे पहले महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। ऐसे में केरल के सबरीमाला कस्बे को पुलिस ने पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है।
दरअसल, पिछले महीने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसलिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।
सरकार ने बताया कि 2300 पुलिसकर्मियों को मंदिर के आसपास तैनात किया गया है, जिनमें 20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाएं शामिल हैं।
सबरीमाला के सिक्यॉरिटी इन-चार्ज आईजी अजित कुमार का कहना है कि सभी भक्त दर्शन कर सकें, इसके लिए हमने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
इस इलाके में कई धमकियों को ध्यान में रखते हुए हमने सबको सुरक्षा मुहैया कराई है। पथनामथित्ता जिला पुलिस अधीक्षक टी. नारायणन के मुताबिक, मंदिर कस्बे में 1,500 पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
ये छह नवंबर की मध्यरात्रि तक वहां तैनात रहेंगे, जब तक मंदिर फिर से बंद नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी महिला ने मंदिर में प्रवेश करने का अनुरोध नहीं किया है।
श्रद्धालुओं के अलावा किसी को भी मंदिर के अधिकृत इलाके में जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सुरक्षा इंतजामों पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल कांत द्वारा निगरानी रखी जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, पांबा आधार शिविर से मंदिर जाने वाले रास्ते और मंदिर के गर्भ-गृह के करीब इलाके में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मीडिया के लिए भी बंदिशें सख्त कर दी गई हैं और उन्हें केवल पांच नवंबर को ही सबरीमाला पहुंचने की इजाजत दी जाएगी।
शनिवार तक पुलिस ने 536 मामले दर्ज किए हैं और 3,719 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से करीब 100 लोग ही जेल में हैं, जबकि बाकी लोगों को जमानत मिल गई है।