अमृतसर के अदलीवाल गांव में आतंकी हमला हुअा है। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। बाइक पर अाए तीन युवकों ने यहां चल रहे सत्संग के दौरान ग्रेनेड फेंका।
जिले के राजासांसी क्षेत्र के अदलीवाल गांव में रविवार को आतंकी हमला हुआ। यहां निरंकारी भवन में चल रहे सत्संग पर ग्रेनेड फेंका गया।
इससे हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई आैर करीब 20 लोग घायल हो गए। हमले में पाकिस्तानी व कश्मीरी आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
बताया जाता है कि तीन युवक सत्संग के दौरान वहां पहुंचे और ग्रेनेड फेंक दिया। यह मंच के पास फट गया। पंजाब के डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि हम इसे आतंकी हमला मान रहे हैं। अन्य पहलुओं पर भी जांच की जा रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अाइएसआइ के शामिल हाेेेने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
हमले में आइएसआइ की शह पर खालिस्तानी व कश्मीरी आतंकवादी गुटाें का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी सभी संभावनाओं और पहलुओं से जांच की जा रही है। पुलिस टीमें आतंकियों व हमला करने वालों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
अमृतसर विस्फोट पर डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने विस्फोट में तीन लोगों की मौत व 20 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि हम इस विस्फोट को आतंकी हमले के रूप में ले रहे हैं। मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
उधर, इस मामले में दो संदिग्धों को बठिंडा में हिरासत मं लेने की चर्चाएं गर्म हैं, लेकिन बठिंडा के एसएसपी डॉ. नानक सिंह ने इससे साफ इन्कार किया है। उनका कहना है कि यह चर्चाएं गलत हैं। हमने किसी को भी गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया है।
इस निरंकारी भवन में हर रविवार प्रवचन सभा का आयोजन होता है। बताया जाता है कि आज सुबह जब सत्संग हो रहा था तो तीन युवक बाइक से वहां आए।
उन्होंने सत्संग स्थल के पास बाइक रोकी और अंदर घुस गए। वे मंच के पास पहुंचे आैर वहां ग्रेनेड फेंका और भागने लगे। वहां तैनात सेवादारों ने उनको पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे भागने में सफल रहे।
वे जिस बाइक से आए थे उसी से फरार हो गए। धमाके के बाद वहां अफरातफरी व भगदड़ मच गई। मारे गए लोगों की पहचान सुखदेव सिंह, कुलदीप अौर संदीप सिंह के रूप में हुई है।
पंजाब सरकार देगी मारे गए लोगाें के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये, घायलाें का होगा मुफ्त इलाज।
घटना के बाद पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पड़ोसी राज्यों में भी अलर्ट है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार तत्व बख्शे नहीं जाएंगे।
पंजाब सरकार ने घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने की घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बम धमाके में मारे गए लाेगों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये देने का एेलान किया।
बम धमाके में मारे गए संदीप सिंह, कुलदीप और सुखदेव सिंह।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी घायलाें का मुफ्त इलाज होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से घटना के बारे में पूरी जानकारी ली।
उन्होंने राज्य में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की अौर डीजीपी को पूरे राज्य में सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है अमृतसर में ग्रेनेड हमले के लिए जिम्मेदार लोग बख्शे नहीं जाएंगे और इस में शामिल तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर जाएगी। उन्हाेंने इस घटना में निर्दोष लोगों के मारे जाने पर शोक जताया है।
उन्होंने कहा कि यह हिंसा की कायरतापूर्ण हरकत कार्रवाई है। घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं इसमें घायल हुए लोगों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
राजनाथ सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी बात की और घटना पर दुख व चिंता जताई। उन्होंने कैप्टन अमरिेंदर सिंह से राज्य में सुरक्षा की स्थिति के बारे में भी चर्चा की और इस संदर्भ में केंद्र सरकार की आेर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।
बाइक पर आए तीन युवकों ने निरंकारी भवन में चल रहे सत्संग पर ग्रेनेड फेंका, पूरे पंजाब में हाई अलर्ट
इस धमाके में आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि कुछ दिन पहले सीमा पार से छह-सात आतंकियों के पंजाब में घुसने की खबर थी।
धमाके में कश्मीरी आतंकी जाकिर मूसा का हाथ हाेने की भी आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और जांच में जुट गई है। फोरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंच गए हैं और जांच जारी है।
बार्डर जाेन के आइजी सुरिंदर पाल सिंह परमार ने बताया कि सत्संग में 250 से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे। उन्होंने बताया कि दो से तीन युवक सत्संग के दौरान आए और वहां ग्रेनेट फेंका। उन्होंने बम धमाके में तीन लोगों की मौत और 15- से 20 लोगाें के घायल होने की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि घटना की जांच की जा रही है आैर पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है। अमृतसर अौर अासपास के जिले में नाकाबंदी कर दी गई है। इसके साथ ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
इस धमाके के बाद पंजाब के सभी शहरों सहित दिल्ली और अन्य आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही बॉर्डर जोन के आइजी सुरिंदर पाल सिंह परमार सभी कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर घटनास्थल पर पहुंचे हैं। घायलों को पास के सिविल अस्पताल और अमृतसर के गुरु नानकदेव अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि धमाका करीब 12 बजे हुआ। धमाका उस समय हुआ जब निरंकारी भवन में सत्संग चल रहा था। इसी दौरान तीन युवकों ने मंच पर बम फेंक दिया।
इससे तीन लाेगों की मौके पर ही मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि सत्संग में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, निरंकारी भवन में सत्संग कार्यक्रम चल रहा था।
इसी दौरान तीन युवक मोटरसाइकिल पर आए और और उन्हाेंने मंच की ओर ग्रेनेड नुमा बम फेंक दिया। इसके बाद दोनों युवक बाइक पर ही फरार हो गए।
बम के फटने से कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। धमाके की चपेट में कई लोग आ गए। तीन लोगाें की मौके पर ही मौत हो गई। लोगों ने घायलाें को संभाला और उनको अस्पताल पहुंचाया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंच गई और पूरे इलाके को घेर लिया। पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी कर दी है और धमाका करने वालों की तलाश कर रही है।
अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल घायलों ने बताया कि वह सत्संग सुन रहे थे। इसी दौरान तीन युवकों ने अंदर प्रवेश किया। एक युवक ने मंच के पास बम फेंका।
जमीन पर गिरते ही बम ब्लास्ट हुआ। बम का एक हिस्सा दाईं तरफ और दूसरा बाई तरफ चला गया। इसके बाद निरंकारी भवन खून से सन गया। गुरदासपुर बटाला की तरफ जाने वाले सभी रास्तों की नाकेबंदी कर दी गई है।
घायलों के अनुसार निरंकारी भवन में 250 से ज्यादा श्रद्धालु सत्संग श्रवण कर रहे थे। जिस समय युवकों ने बम फेंका सत्संग सुन रहे एक युवक ने उसे पकड़ने का भी प्रयास किया लेकिन वे वहां से तेजी से निकल भागे। आइजी ने कहा घटनास्थल के आसपास कुछ और विस्फोटक पदार्थ होने की आशंका है आैर इसके मद्देनजर जांच की जा रही है।
बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान से छह-सात आतंकियों के पंजाब में घुसने की आशंका जताई गई थी। ये आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के छह से सात आतंकियों के सड़क मार्ग से फिरोजपुर में दाखिल होने की आशंका थी।
सुरक्षा एजेंसियां इसके बाद तलाशी अभियान चला रही थीं। सरहदी गांवों व कस्बों के लोगों तक आतंकियों की वायरल हो रही तस्वीरों को सुरक्षा बलों ने वाट्सएप के जरिये पहुंचा दिया था।
इसके साथ ही कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा के अमृतसर व उसके आसपास के क्षेत्र में सक्रिय होने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद पुलिस ने जाकिर मूसा के फोटो वाले पोस्टर लगाए गए थे।
आशंका जताई जा रही है कि मूसा का इस धमाके में हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। इससे साथ ही पठानकोट के पास कुछ लाेगों ने एक इनोवा कार छीन ली थी। अब तक उस कार अौर उसे छीनने वालों का भी पता नहीं चला है।
घटना पर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ कई नेताओं ने घटना पर चिंता जताई है। उन्होंने बम धमाके में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया है। कांग्रेस विधायक राजकुमार वेरका घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव के निरंकारी भवन पहुंचे।
सुनील जाखड़ ने कहा, बम धमाके में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया हूं। मेरी घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। राज्य में सुरक्षा के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को पूरा अलर्ट रहना चाहिए।
बम धमाके के बाद पूरे पंजाब में निरंकारी भवनों और धार्मिेक स्थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। तरनतारन, गुरदासपुर, मोगा, लुधियाना, पठानकोट सहित सभी स्थानों पर निरंकारी भवनों के बाहर कड़ी सुरक्षा है और पुलिस तैनात है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि यह सरकार की नाकामी है। वह गर्मख्यालियों के प्रति नरम रुख अपना रही है।
सरकार ने यदि समय रहते इनके प्रति सख्ती दिखाई होती, तो यह घटना न होती। घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूं। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।
पंजाब में आतंकवाद के काले दौर की शुरुआत बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1978 को अमृतसर में निरंकारियों पर हुए हमले के बाद ही हुई थी।
जरनैल सिंह भिंडरावाला और निरंकारियों के बीच हुए इस टकराव में निरंकारियों के अखंड जत्थे के 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद अकाल तख्त ने निरंकारियों को पंथ से निष्कासित कर दिया था। इस हमले में निरंकारी प्रमुख बाबा गुरबचन सिंह की भी मौत हो गई थी।