पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने 28 नवंबर को होने वाले करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को न्योता भेजा है।
सिद्धू को इससे पहले इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। और समारोह में सिद्धू के शरीक होने और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख के गले लगने पर खासा विवाद हुआ था।
अगले साल यानी 2019 को पाकिस्तान सरकार करतारपुर कॉरिडोर को खोल देगी। बाबा गुरू नानक देव की 550वीं सालगिरह पर ये कॉरिडोर भारत पाकिस्तान की जनता के लिए खोला जाएगा।
पाकिस्तान सरकार ने इसकी सहमति दे दी है। 28 नवंबर 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के हिस्से का शिलान्यास करेंगे। इस बात की जानकारी पाकिस्तान सरकार ने दी है।
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Pakistan has decided to open #KartarpurCorridor for the 550th Birth Anniversary of Baba Guru Nanak in 2019. Pakistan PM will inaugurate the groundbreaking ceremony of the facilities at the crossing on the Pakistan side, on 28 November 2018: Pakistan government
पाक सरकार की इस घोषणा का पीएम मोदी ने स्वागत किया है। और कहा है कि- किसने सोचा था कि बर्लिन की दीवार गिर सकती है। शायद गुरु नानक देव जी के आशिर्वाद से करतारपुर का कॉरिडोर नहीं, जन जन को जोड़ने का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।
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Kisne socha that ki Berlin ki deewar gir sakti hai,shayad Guru Nanak Dev Ji ke aashirwad se,#Kartarpur ka corridor sirf corrdior nahi, Jan Jan ko jodne ka bahut bada karan ban sakta hai:PM Narendra Modi at Guruparb Kirtan Darbar at SAD President Sukhbir Badal’s residence in Delhi
इस कॉरिडोर का पाकिस्तान में 28 नवंबर को इमरान खान और भारत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह 26 नवंबर को शिलान्यास करेंगे।
गुरुवार को भारत सरकार की कैबिनेट मीटिंग में हुआ फैसला:
इसके पहले गुरुवार को भारत की सरकार ने अगले साल गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर को मंजूरी देने का बड़ा फैसला किया था।
कैबिनेट मीटिंग में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था। इस कॉरिडोर के खुलने से सिखों का 70 साल लंबा इंतजार खत्म हो जाएगा।
सिख समुदाय के लिए करतार साहब वो पवित्र स्थल है जहां गुरुनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताए। इसलिए इसका बहुत महत्व है।
हालांकि पाकिस्तान सरकार की इजाजत के बावजूद सिख श्रद्धालुओं और भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को करतारपुर जाने से रोक दिया गया था।
भारत सरकार ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी और पाकिस्तान सरकार को कहा था कि अपनी सरजमीं से होने वाले असामाजिक कार्यों पर वो नियंत्रण रखें। भारत की संप्रुभता और सौहार्द को खराब करने वाली गतिविधियों पर रोक लगाएं।
करतारपुर कॉरिडोर के खोलने के निर्णय को दोनों देशों द्वारा एक दूसरे के साथ संबंध सुधारने की कोशिश के रुप में देखा जा रहा है।