झारखंड के पूर्व CM का भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार।

झारखंड के पूर्व CM का भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार।

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भारतीय जनता पार्टी पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जमकर बयानी प्रहार किया है। उन्होंने बयानी प्रहार करते हुए यह कहा है कि भारतीय जनता पार्टी चोरी करने के साथ-साथ सीनाजोरी भी कर रही है।

झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने भाजपा पर चोरी के साथ-साथ सीनाजोरी करने का आरोप इस प्रकार मढ़ा है। जिसकी शायद कोई उम्मीद भी नहीं कर रहा था।

उन्होंने इस पर आगे बोलते हुए कहा है कि भाजपा ने पैसे और पद का प्रलोभन देकर झाविमो के छह विधायकों को तोड़ा। इससे संबंधित एक पत्र जब सामने आया तो भाजपा में खलबली मच गई।

चूंकि पत्र में दो राज्यों के मुख्यमंत्री समेत कई शीर्ष नेताओं के नाम है, कोई थाना अथवा राज्य की अन्य एजेंसियां उनके खिलाफ कार्रवाई करने का जहमत नहीं उठा सकती। लिहाजा झाविमो ने राज्यपाल तक अपनी बात पहुंचाई।

पार्टी की मांग मामले की सीबीआई जांच की है। जांच की जगह मुकदमे दायर किए जा रहे हैं। आज जरूरत भाजपा की इस दोहरी चाल को जन-जन तक पहुंचाने की है। मरांडी शनिवार को शुरू हुए झाविमो की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

इतना ही नहीं बल्कि झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने बैठक में आए पदाधिकारियों से कहा कि वे चुनाव की चुनौतियों के लिए तैयार है। उन्होंने पार्टी की पंचायत स्तर तक की सांगठनिक मजबूती, उसकी कमजोरियां, गठबंधन की जरूरत आदि पर उनसे बेबाक लिखित सुझाव मांगे।

बैठक में पार्टी के महासचिव बंधु तिर्की, सबा अहमद, नीलम देवी, मिस्त्री सोरेन, रमेश राही,अभय सिंह, योगेन्द्र प्रताप सिंह, सरोज सिंह, संतोष कुमार, शोभा यादव व सुरेश साव आदि ने शिरकत की।

2019 में प्रस्तावित चुनाव में मजबूत विकल्प के रूप में झाविमो को उभारने पर रहा। रविवार को राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी। बाबूलाल ने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक अपने विरोधियों को कुचलने का काम कर रही है।

उनपर देशद्रोह का मुकदमा दायर किया जा रहा है। उन्हें जेल भेजा जा रहा है। जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए सत्ताधारी दल प्रोपगेंडा खड़ा कर भ्रामक प्रचार कर समाज में वैमनस्यता का माहौल बना रहा है।

राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर समाज को बाटने का काम किया जा रहा है। राज्य में अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं। लोकतंत्र को हाइजैक कर लिया गया है। इस दौरान उन्होंने केंद्र की सरकार पर भी प्रहार किया। कहा कि वह मुद्दों को भटका रही है। आजकल घुसपैठियों पर बहस छिड़ी है। सत्ता उसकी है, फिर वह मौन क्यों है?