कांग्रेस प्रेजिडेंट राहुल गांधी ने हाल ही में अपने द्वारा दिए गए बयान से पूरे राजनीतिक खेमे में हलचल मचा कर रख दी है। उन्होंने इस बार अपने आप के बारे में ही एक बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे के तहत उन्होंने कहा है कि वह शादी कर चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी शादी के बारे में तो बताया ही साथ ही यह भी कहा कि 2019 में नरेंद्र मोदी का दोबारा पीएम बनना मुश्किल है।
इस बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार यह है सच्चाई सामने आ रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शादी को लेकर हर किसी के मन में संशय है। सभी जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी कब और किससे शादी करेंगे।
दो दिवसीय हैदराबाद दौरे के दौरान राहुल ने लोगों की जिज्ञासाअों को शांत किया। उन्होंने संपादकों के साथ बातचीत में जब राहुल गांधी से शादी की योजना के बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के साथ विवाह कर चुका हूं।
इस बारे में खुलासा करते हुए उन्होंने शादी के बारे में जिक्र तो किया ही साथ ही साथ कांग्रेस प्रेजिडेंट राहुल गांधी ने भविष्यवाणी करते हुए बताया कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी 230 सीटें भी जीत नहीं पाएगी और इसलिए नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी के साथ विवाह के बंधन में बंध चुके हैं। हैदराबाद के दो दिवसीय दौरे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये बातें कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नेतृत्व उत्तर प्रदेश और बिहार में गैर भाजपाई दलों के साथ गठबंधन नहीं करने की प्रारंभिक रूप से बात जाहिर कर चुका है।
राहुल ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाइयां समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि तेलंगाना की सत्ता में कांग्रेस ही आएगी।
इसके साथ साथ इस बात का दावा भी किया जा रहा है कि तेलंगाना में आने वाले समय में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाएं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और अन्य गैर भाजपा दलों के बहुमत पाने की स्थिति में प्रधानमंत्री कौन होगा के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस पर काम करेंगे।
2014 चुनाव में आंध्र प्रदेश में खाली हाथ रही कांग्रेस के बारे में सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी यहां अपनी स्थिति में सुधार कर रही है। उन्होंने देश में बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि वार्षिक तौर पर दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने के अपने वादे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन 24 घंटे में 50 हजार लोगों को रोजगार देता है जबकि भारत में इसी अवधि में केवल 458 लोगों को रोजगार मिलता है।