केरल में आई भंयकर बाढ़ के चलते वहाँ का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। बताया जा रहा है कि भयंकर बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे केरल के लिए देश और दुनिया एकजुट होकर मदद के लिए सामने आई है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद केरल जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस भी थे। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन समेत उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से हुए नुकसान और स्थिति का जायजा लिया।
केंद्र ने प्रधानमंत्री राहत कोष से बाढ़ में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीमा कंपनियों को स्पेशल कैंप लगाकर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने और उसके आधार पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली राशि/सहायता को शीघ्र जारी करने को कहा है।
किसानों की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से मिलने वाली राशि को शीघ्र जारी करने को कहा है। इस बीच पीएम मोदी ने केरल के लिए 500 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की भी घोषणा की है। केंद्र सरकार पहले ही केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 100 करोड़ रुपये की राहत दे चुकी है। इसके आलावा प्रधानमंत्री ने राज्य को खाद्यान और दवाई की सप्लाई का आशवासन दिया है। साथ ही उन्होंने बाढ़ से हुए जान और माल के नुकसान पर शोक भी व्यक्त किया है।
इस बीच केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10-10 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की है। वहीं, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू भी केरल को मदद के तौर पर 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा कर चुके हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 25 करोड़ रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 5 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की। इसके साथ ही वे बचाव कार्य के लिए 254 दमकल कर्मचारी और नाव भी भेजेंगे।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि एनडीआरएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ और आरएएफ की कंपनियों को राज्य में बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है। वहीं, वायुसेना, सेना, नौसेना और तटरक्षक केरल के विभिन्न हिस्सों में परिचालन में सहायता कर रहे हैं। बाढ़ में फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
इस बीच पीएम मोदी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से खराब सड़कों की तुरंत मरम्मत और NTPC और PGCIL को राज्य में बिजली की व्यवस्था को जल्दी-जल्दी सुचारू बनाने के निर्देश दिए है। जिन लोगों के कच्चे घर बाढ़ में नष्ट हो गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत शीघ्र आवास दिलाने को कहा गया है। पीएम ने कहा, ‘केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, बागवानी के एकीकृत विकास प्राथमिकता के आधार पर केरल के प्रभावित (बाढ़) लोगों तक पहुंचे।’