कश्मीर विवाद को लेकर भारत पर इमरान सरकार ने अपना पहला बयान जारी कर दिया है जिसको लेकर बेहद विवाद उठ रहा है कहा जा रहा है कि इमरान खान द्वारा प्रधानमंत्री की शपथ लेने के कुछ ही दिन बाद ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।
कश्मीर मुद्दे सहित मतभेदों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान और भारत को वार्ता में शामिल होना चाहिए और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए व्यापार शुरू किया जाना चाहिए। यह बात आज पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही।
खान ने अपने ट्विटर पर कहा कि गरीबी को खत्म करने और उपमहाद्वीप के लोगों के विकास के लिए बेहतर रास्ता वार्ता के माध्यम से मतभेदों को सुलझाना और व्यापार करना है।
वहीं पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने द्वारा हाल ही में किए गए ट्वीट के दौरान यह कहा कि ‘‘आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान और भारत को वार्ता करनी चाहिए और कश्मीर सहित अपने विवादों का समाधान करना चाहिए।’’
क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बचाव में उन्होंने ये ट्वीट किए जो 18 अगस्त को पाकिस्तान में खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद से विवादों में घिरे हुए हैं।
वही इस मामले पर मिली जानकारी के तहत यह बात सामने आ रही है कि पाकिस्तान से लौटने के दो दिन बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाक सेना प्रमुख बाजवा से गले मिलने पर प्रेस कांफ्रेंस करके सफाई दी है। सिद्धू की सफाई पर भाजपा ने उनपर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल के कहने पर सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस की है। जबकि देश राहुल गांधी से जवाब मांग रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बिना कांग्रेस में पत्ता भी नहीं हिलता है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी भी समानांतर सरकार नहीं चला सकते है। उन्हें इस पूरे मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए। उनके राज्य तक के मुख्यमंत्री ने उनके बाजवा से गले मिलने पर गलत ठहराया है। उसके बाद भी उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की है यह आश्चर्यजनक है। पाक आर्मी चीफ बाजवा से गले मिलकर सिद्धू ने ठीक नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कैसे रिश्ते हो इसका फैसला केंद्र करेगा। उन्होंने कांग्रेस के रवैये की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान शांति का दुश्मन है। लेकिन सिद्धू अपने आप को पीएम के बराबर समझ रहे हैं। सिद्धू को जाने से पहले शहीद कौस्तुभ राणे की याद नहीं आई। जिसे पाकिस्तान ने मार दिया। उन्हें सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के आंसू नहीं दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि सिद्धू को जनरल बाजवा पर विश्वास है पर भारत पर नहीं।
बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा को गले लगाया तो उठने लगी उंगली, पर नवजोत सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस करके करारा जवाब दिया है। नवजोत सिद्धू ने कहा कि पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा ने शांति की बात की थी, इसलिए मैं भावुक हो गया था और इसी भावुकता में मैंने उन्हें गले लगा लिया।
नवजोत सिद्धू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी दोस्ती बस लेकर पाकिस्तान गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था। इसी तरह मुझे बुलाया गया और मैं गया। इसमें इतना हंगामा करने की क्या बात हो गई, समझ नहीं आया।
नवजोत सिद्धू ने कहा कि मेरे पाकिस्तान जाने को लेकर कई लोगों ने काफी कुछ कहा। यहां तक कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी बोले। भारत देश में लोकतंत्र है। यहां हर किसी को आजादी है, अपनी बात कहने की।
इससे पहले पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि वह मामले में जवाब देने के लिए तैयार हैं और जब जरूरत होगी, मजबूत जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब भी जवाब देना होगा। जवाब दूंगा और सभी को दूंगा। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए नवजोत सिद्धू वहां पाक आर्मी चीफ के गले मिले थे। इस घटना को लेकर भारत में विपक्षी दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की, वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू की इस हरकत पर ऐतराज जताया था।
अपने जवाब में सिद्धू ने कहा कि जब कोई उनसे यह कहे कि हम समान संस्कृति से हैं और एतिहासिक गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का मार्ग खोलने की बात करे तो उन्हें क्या करना चाहिए था। इस बीच, नवजोत सिद्धू की पाक सेना प्रमुख के जफ्फी को करतारपुर का मार्ग खुलने की उम्मीद जगाने वाला करार दिया जा रहा है। पंजाब में सिख समुदाय ने सिद्धू की जफ्फी के इस कारण को सही ठहराना शुरु कर दिया है।
सिद्धू ने भी दावा किया है कि पाक सेना प्रंमुख श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जयंती समारोह के उपलक्ष्य में करतारपुर का मार्ग खोलने पर विचार करने को सहमत हो गए हैं। सिद्धू ने कहा कि पाक सेना प्रमुख की यही बात सुनकर उन्हें बेहद खुशी हुई।