सुप्रीम कोर्ट के नए जजों को लेकर सामने आए कई बड़े नाम।

सुप्रीम कोर्ट के नए जजों को लेकर सामने आए कई बड़े नाम।

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जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सरकार को उनका नाम भेजा है। जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं।

न्यूज़ एजेंसी की खबर के अनुसार चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर सरकार को उनका नाम भेजा है। जस्टिस मिश्रा, 2 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस को एक खत लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम पूछा था।

बताया जा रहा है कि दीपक मिश्रा ने उनके बाद सबसे सीनियर जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सिफारिश की है।

हालांकि, सरकार के पास अभी नाम की सिफारिश भेजी गई है और सरकार को उस पर मुहर लगानी है। लेकिन माना जा रहा है कि रंजन गोगोई की मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति तय है।

सरकार अगर मिश्रा की सिफारिश मान लेती है तो रंजन गोगोई 3 अक्टूबर से कार्यभार संभालेंगे। गौरतलब है कि रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

रंजन उन चार जजों में से एक हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली और मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवालिया निशान लगाए थे।

इन लोगों ने कहा था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में है और चीफ जस्टिस अपने पद का फायदा उठाकर रोस्टर के मामले में मनमानी कर रहे हैं।

रविशंकर ने कहा था- सरकार की नीयत पर शंका न करें
जस्टिस रंजन के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के प्रशासनिक कामकाज पर सवाल उठाने के बाद अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्ति किय जाने को लेकर सवाल भी उठने लगे थे। इस पर जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कहा था कि सरकार की नीयत पर संदेह की कोई वजह नहीं है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि वैसे तो ये सवाल काल्पनिक है क्योंकि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रक्रिया तय है, सेवानिवृत होने वाले मुख्य न्यायाधीश अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम की संस्तुति करके जाते हैं और फिर उस पर सरकार विचार करती है। जब संस्तुति आयेगी तब उसे देखेंगे। सरकार की नीयत पर शंका का कोई कारण नहीं।

वहीं, जब जस्टिस गोगोई से पूछा गया था कि मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनकी नियुक्ति को लेकर कोई संकट तो नहीं तो उन्होंने कहा था कि ‘कोई संकट नहीं है।’

साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या जजों ने पीसी कर अनुशासन का उल्लंघन किया तो गोगोई ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था।