खुलासा : समलेंगिकता का क्यों होता है, विरोध, जानिए इसकी असली वजह।

खुलासा : समलेंगिकता का क्यों होता है, विरोध, जानिए इसकी असली वजह।

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समलिंगी, गे या फिर होमोसेक्सुअल होना बेहद निजी मामला है।
चीफ जस्टिस ने रूढ़िवादी धारणाओं को अलविदा कहने को कहा है।

समलैंगिक रिश्ते वाले लोग 95 प्रतिशत बीमारी की गिरफ्त में अधिक
आते हैं। समलिंगी, गे या फिर होमोसेक्सुअल होना बेहद निजी मामला है।

दुनिया भर के कई देशों में इनके अध‍िकारों को लेकर आंदोलन होते आए हैं। भारत में भारतीय दण्ड संहिता के अनुच्छेद 377 के अंतर्गत समलैंगिक संबंधों को आज तक अपराध की श्रेणी में रखा गया था।

लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इसे सर्वसम्मति देते हुए कहा है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है।

चीफ जस्टिस ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हमें रूढ़िवादी धारणाओं को अलविदा कहना होगा। ऐसे में आज से इस रिश्ते को कानूनी दर्जा प्राप्त होगा।

हम लोग अपने समाज के समलैंगिकता पर अलग-अलग राय सुनते आए हैं। लेकिन, इन सबके बावजूद यह सवाल अहम है कि आख‍िर समलैंगिक होना क्या है? आखिर इसे अपराध क्यों माना जाता है?

क्या यह समाज के लिए सही नही है या हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है? आज हम आपको समलैंगिकता से संबंधित 5 ऐसी बातें बता रहे हैं जिन्हें आपको भी मानना पड़ेगा।

जब पुरूष को पुरूष की तरफ और महिला का महिला की तरफ झुकाव हो तो उसे होमोसेक्सुअल/लेस्बियन कहते हैं। इस स्थिति में लोग सेम सेक्स की तरफ आकर्षित होते हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो महिलाओं और पुरूषों दोनों की तरफ आकर्षित होते हैं उनको हेक्ट्रोसेक्सुअल और होमोसेक्सुअल भी कहा जाता है। इन्हेन बाई-सेक्सुअल भी कहा जाता है।

किसी को अपोजिट सेक्स, किसी को सेम सेक्स और किसी को महिला और पुरूष दोनों की तरफ आकर्षण होता है। तीनों ही प्रकार के लोग नार्मल हैं। हालांकि सेक्सुअलिटी एक बीमारी है। आइए हम आपको होमोसेक्सुअलिटी से संबंधी तथ्यों को बताते हैं।

क्या आप वाकई गे हैं यह पता लगाने के लिए अपनी सेक्सुअले‍टी को परखें। अपने आकर्षणों की पहचान करें। जब आप किसी महिला के बजाय पुरुष के साथ होते हैं, तो आपको कैसा लगता है।

क्या आप दोनों के साथ भावनात्मक और सेक्सुअल स्तर पर आकर्ष‍ित महसूस करते हैं। या फिर किसी एक की ओर ही आपका दिल खिंचता है। इस तरह का अवलोकन एक नितांत निजी मामला है।

अपने अवलोकन के बारे में किसी दूसरे को न बतायें। इसे खुद महसूस करें। लेकिन यदि आपकी मानसिक दुविधा समाप्त होने का नाम न ले रही हो, तो आप किसी विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं।

यदि आप केवल जिज्ञासावश ऐसा कर रहे हैं, तो वह आपकी इस जिज्ञासा को शांत करने के उपाय सुझा सकता है। साथ ही वह आपको आपकी सेक्सुअलिटी के बारे में सटीक जानकारी दे सकता है।

प्राकृतिक शादियों में महिलाएं बच्चे को जन्म देती है। महिलाओं में यह चीज भगवान जन्म के साथ ही देता है।

लेकिन समलैंगिक शादियों में दंपत्ति इस चीज का इस्तेमाल नहीं करती हैं जिसके चलते वह प्रकृतिक तौर पर बांझपन का शिकार हो जाती है। यह चीज स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होती है।

होमोसेक्सुअल या समलैंगिक रिश्ते वाले लोग आम लोगों की तुलना में 95 प्रतिशत बीमारी की गिरफ्त में अधिक आते हैं। यह बात ये लोग भी जानते हैं और इसे हमारा शास्त्र भी मानता है।

एक ही लिंग की शादियों में दंपत्ति बच्चा पैदा करने में प्रकृतिक तौर पर असमर्थ होता है। ऐसे में वो सेरोगेसी या किराए की कोख का इस्तेमाल कर अपनी मुराद को पूरा करना का प्रयास करता है।

कभी कभी ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों में शुरुआत में तो समान लिंग की ओर आकर्षण बना रहता है। लेकिन जब एक समय बाद यह खत्म हो जाता है तो लोगों के पास आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है।

जब एक ही लिंग के दो लोग शादी करते हैं तब तो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन बाद में जब वह बच्चे को गोद लेते हैं और संतान की जिम्मेदारी से नहीं पिता पाते तो इससे सीधे तौर पर उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

बच्चा भी जब बाहर निकलता है तो लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। ऐसे में ये चीज गहरे स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।