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Covid-19 Delta Plus Variant : क्या हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है?

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Covid-19 Delta Plus Variant : क्या हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है?

Covid-19 Delta Plus Variant: क्या हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है?

Covid-19 Delta Plus Variant कोरोना का डेल्टा वैरिएंट जिसे B.617.2 कहा जाता है यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पाया गया है जिसकी वजह से मेडिकल एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ रही है।

भारत में कोविड की दूसरी लहर के बाद एक बार फिर कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दी है। देश में कोरोना के इस नए रूप के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में जानना बेहद ज़रूरी हो गया। तो आइए जानते हैं कि डेल्टा वैरिएंट क्या है, इसके लक्षण और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट

कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट जिसे B.617.2 कहा जाता है, यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पाया गया है, जिसकी वजह से मेडिकल एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ रही है। डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। यही K417N द. अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राज़ील में पाए गगए गामा वैरिएंट में भी मिला है। ख़ैर, वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी जल्द ही सामने आ सकती है।

इसके अलावा K41N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वेरिएंट में पाया गया था उससे भी इसके लक्षण मिलते हैं। इसलिए यह ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कर्नाटक में 40 मामले पाए गए हैं। WHO ने डेल्टा वैरिएंट को ‘वायरस ऑफ कंसर्न’ करार दिया है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक डेल्टा प्लस ज़्यादा संक्रामक है और फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मज़बूती से चिपकने में सक्षम है। जिसकी वजह से फेफड़ों को जल्द नुकसान पहुंचने की संभावना होती है। यह आपकी इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। जो लोग डेल्टा प्लस वैरिएंट की चपेट में आए हैं, उन्हें गंभीर खांसी-ज़ुकाम और कोल्ड सिम्टम्स पिछले वायरस से काफी अलग पाया जा रहा है। अध्ययन के अनुसार, सिरदर्द, गले में ख़राश और नाक बहना डेल्टा प्लस वैरिएंट से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं।

डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचा जाए?

कोरोना वायरस के पिछले सभी वैरिएंट की तरह डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए आपको ज़रूरी सावधानियां ही बरतनी होंगी।

– घर से बाहर सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर ही जाएं।

– जब भी घर से निकलें मास्क ज़रूर पहनें, ख़ासतौर पर डबल मास्क पहनें।

– हाथों को दिन में कई बार 20 सेकेंड के लिए धोएं।

– लोगों से शारीरिक दूरी यानी 6 फीट की दूरी बनाएं रखें।

– घर पर अपने आसपास की जगहों को साफ रखें और डिसइंफेक्ट करें।

– बाहर से लाए हर सामान को डिसइंफेक्ट करें।