Truly Inspirational & Motivational (For Those Who Always Find Excuses ) : मदुरै की दृष्टिहीन पूर्णा सुंदरी का UPSC में डंका, हासिल की 286वीं रैंक।
तमिलनाडु के मदुरै की रहने वाली पूर्णा सुंदरी (Poorna Sundari) ने इतिहास रचने का काम किया है। पूर्णा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 286 वीं रैंक हासिल की है। जो कि युवाओं के लिए एक नजीर पेश करेगा।
तमिलनाडु के मदुरै की पूर्णा सुंदरी परिवार के साथ
हाइलाइट्स:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में तमिलनाडु के मदुरै की पूर्णा सुंदरी ने हासिल की 286 वीं रैंक।
दृष्टिहीन होने के बाद भी पूर्णा सुंदरी ने ये सफलता हासिल कर इतिहास रचने का काम किया।
पूर्णा सुंदरी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया, कहा-उनके आशीर्वाद से पाया मुकाम।
सिविल सर्विसेज में यह पूर्णा का चौथा प्रयास, साल 2016 के बाद से कर रही थीं सिविल सेवा की तैयारी
मदुरै
देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में तमिलनाडु के मदुरै की पूर्णा सुंदरी (Poorna Sundari) ने 286 वीं रैंक हासिल की है। दृष्टिहीन होने के बाद भी पूर्णा सुंदरी ने ये सफलता हासिल कर इतिहास रचने का काम किया है। पूर्णा का यह प्रयास युवाओं के लिए एक नजीर पेश करेगा। पूर्णा सुंदरी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।
पूर्णा सुंदरी (Purana Sundari ) के यूपीएससी में 286 वीं रैंक हासिल करने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का सिलसिला लगातार चल रहा है। 25 वर्षीय पूर्णा सुंदरी को परीक्षा की तैयारी के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पूर्णा ने बताया कि उनकी कई ऑडियो फॉर्म में उपलब्ध नहीं थीं। ऐसे में उनके परिवार ने जिस तरह से तैयारी में साथ दिया उसके कारण वो यूपीएससी की इतनी बड़ी परीक्षा में सफल हो सकीं। पूर्णा ने बताया कि सिविल सर्विसेज में यह उनका चौथा प्रयास था। वह साल 2016 के बाद से सिविल सेवा की तैयारी कर रही थीं।
सफलता का श्रेय माता-पिता को: पूर्णा
पूर्णा सुंदरी ने बताया कि इस साल उन्हें ऑल इंडिया 286 वीं रैंक मिली है। वह कहती हैं कि उनके माता-पिता ने उनका बहुत समर्थन दिया है। वह अपनी सफलता उन्हें समर्पित करना चाहेंगी। पूर्णा के पिता एक सेल्स एग्जीक्यूटिव हैं और मां होम वाइफ हैं। पूर्णा ने बताया कि उनके माता-पिता दोनों चाहते थे कि वह आईएएस अफसर बनूं।